आँधी आई जोर शोर से, डालें टूटी हैं झकोर से। उड़ा घोंसला अंडे फूटे, किससे दुख की बात कहेगी! अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी? हमने खोला आ...
आँधी आई जोर शोर से,
डालें टूटी हैं झकोर से।
उड़ा घोंसला अंडे फूटे,
किससे दुख की बात कहेगी!
अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी?
हमने खोला आलमारी को,
बुला रहे हैं बेचारी को।
पर वो चीं-चीं कर्राती है
घर में तो वो नहीं रहेगी!
घर में पेड़ कहाँ से लाएँ,
कैसे यह घोंसला बनाएँ!
कैसे फूटे अंडे जोड़े,
किससे यह सब बात कहेगी!
अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी?
उड़ा घोंसला अंडे फूटे,
किससे दुख की बात कहेगी!
अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी?
हमने खोला आलमारी को,
बुला रहे हैं बेचारी को।
पर वो चीं-चीं कर्राती है
घर में तो वो नहीं रहेगी!
घर में पेड़ कहाँ से लाएँ,
कैसे यह घोंसला बनाएँ!
कैसे फूटे अंडे जोड़े,
किससे यह सब बात कहेगी!
अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी?