मै न रह जाऊं तो... उसे बता देना... कि.. ज़िन्दग़ी तब थी.. जब हम साथ हँसते थे.... उसे बता देना... कि.... उसका महत्व और मूल्य.... नज़...
मै न रह जाऊं तो...
उसे बता देना...
उसे बता देना...
कि..
ज़िन्दग़ी तब थी..
जब हम साथ हँसते थे....
उसे बता देना...
ज़िन्दग़ी तब थी..
जब हम साथ हँसते थे....
उसे बता देना...
कि....
उसका महत्व और मूल्य....
नज़र का धोखा न था...
उसका महत्व और मूल्य....
नज़र का धोखा न था...
न ही ...
वह दर्द बनावटी था...
जिसे मैंने महसूस किया था....
हर बार....
लेकिन उसे यह भी बताना....
कि...
हारना और हार जाना...
दो अलग बातें हैं...
पहली में वो अकेले ही शामिल है....
जबकि दूसरी में ....
दूसरा पक्ष भी है...
कि...
हारना और हार जाना...
दो अलग बातें हैं...
पहली में वो अकेले ही शामिल है....
जबकि दूसरी में ....
दूसरा पक्ष भी है...
जो स्वाद उसने चखा है...
वह पहला ही है....
क्योंकि वह अकेले ही हार गया है....
वह पहला ही है....
क्योंकि वह अकेले ही हार गया है....
लेकिन दुर्भाग्य से...
मुझे दूसरा ही स्वाद चखना पड़ा है....
क्योंकि....
मुझको , उसने हरा दिया है...
मुझे दूसरा ही स्वाद चखना पड़ा है....
क्योंकि....
मुझको , उसने हरा दिया है...
मैं...
न रह जाऊं तो...
उसे बता देना....
न रह जाऊं तो...
उसे बता देना....