दौलत पाय न कीजिये, सपने में अभिमान चंचल जल दिन चारि को, ठाँउ न रहत निदान ठाँउ न रहत निदान, जीत जग में यश लीजै मीठे वचन सुनाय, विनय स...
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गिरना भी अच्छा है “गिरना भी अच्छा है, औकात का पता चलता है… बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को… अपनों का पता चलता है! जिन्हे गुस्सा आता है, वो ...
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बारहमासा | मां कहती अषाढ़ आया है मां कहती अषाढ़ आया है काले काले मेघ घिर रहे, रिमझिम बून्दें बरस रही हैं मोर नाचते हुए फिर रहे। (२) फिर...
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उजला-उजला हंस एक दिन उड़ते-उड़ते आया, हंस देखकर काला कौआ मन ही मन शरमाया। लगा सोचने उजला-उजला मैं कैसे हो पाऊँ- उजला हो सकता हूँ साब...
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इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा! यह चाँद उदित होकर नभ में कुछ ताप मिटाता जीवन का, लहरालहरा यह शाखाएँ कुछ शोक भुला दे...
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आँधी आई जोर शोर से, डालें टूटी हैं झकोर से। उड़ा घोंसला अंडे फूटे, किससे दुख की बात कहेगी! अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी? हमने खोला आ...
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टेसू राजा अड़े खड़े माँग रहे हैं दही बड़े। बड़े कहाँ से लाऊँ मैं? पहले खेत खुदाऊँ मैं, उसमें उड़द उगाऊँ मैं, फसल काट घर लाऊँ मैं। छ...
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दौलत पाय न कीजिये, सपने में अभिमान चंचल जल दिन चारि को, ठाँउ न रहत निदान ठाँउ न रहत निदान, जीत जग में यश लीजै मीठे वचन सुनाय, विनय स...
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आज उठा मैं सबसे पहले! सबसे पहले आज सुनूँगा, हवा सवेरे की चलने पर, हिल, पत्तों का करना ‘हर-हर’ देखूँगा, पूरब में फैले बादल पीले, लाल, सु...
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चल तू अकेला! तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, तो तू चल अकेला, चल अकेला, चल अकेला, चल तू अकेला! तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, तो चल तू अकेला, जब ...
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मौसमों का ख़याल रखा करो, कुछ लहू मैं उबाल रखा करो, लाख सूरज से दोस्ताना हो, चंद जुगनू भी पाल रखा करो।
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सिन्धु में ज्वार आज सिन्धु में ज्वार उठा है , नगपति फिर ललकार उठा है, कुरुक्षेत्र के कण-कण से फिर, पांञ्चजन्य हुँकार उठा है। शत – शत आघा...
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आँधी आई जोर शोर से, डालें टूटी हैं झकोर से। उड़ा घोंसला अंडे फूटे, किससे दुख की बात कहेगी! अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी? हमने खोला आ...