दुश्मन-दोस्त सभी कहते हैं, बदला नहीं हूँ मैं तुझसे बिछड़ के क्यों लगता है, तनहा नहीं हूँ मैं उम्र-सफश्र में कब सोचा था, मोड़ ये आएग...
दुश्मन-दोस्त सभी कहते हैं, बदला नहीं हूँ मैं
तुझसे बिछड़ के क्यों लगता है, तनहा नहीं हूँ मैं
तुझसे बिछड़ के क्यों लगता है, तनहा नहीं हूँ मैं
उम्र-सफश्र में कब सोचा था, मोड़ ये आएगा
दरिया पार खड़ा हूँ गरचे प्यासा नहीं हूँ मैं
दरिया पार खड़ा हूँ गरचे प्यासा नहीं हूँ मैं
पहले बहुत नादिम था लेकिन आज बहुत खुश हूँ
दुनिया-राय थी अब तक जैसी वैसा नहीं हूँ मैं
दुनिया-राय थी अब तक जैसी वैसा नहीं हूँ मैं
तेरा लासानी होना तस्लीम किया जाए
जिसको देखो ये कहता है तुझ-सा नहीं हूँ मैं
जिसको देखो ये कहता है तुझ-सा नहीं हूँ मैं
ख्वाबतही कुछ लोग यहाँ पहले भी आए थे
नींद-सराय तेरा मुसाफिश्र पहला नहीं हूँ मैं
नींद-सराय तेरा मुसाफिश्र पहला नहीं हूँ मैं